Monday, November 17, 2008

मैथिलि फकरा

रही त ठा क पादी ,
नै त पदतो जाई
और परईतो जाई!
सावन जन्मल गिद्दर
भादव आईएल बाढ़
गिद्दर कहलक
बाप रो अहेन बाढ़े ने देखलू !
खीर खेलउ पुरी खेलउ
खुददी ले जी लागले या !
हेहेरा रे हेहेरा केना दिन जाऐछो
लात जूता खाएछि भने दिन जैया
to be continued...........................

मैथिलि फकरा

किछ मैथिलि फकरा
  1. अपन बियाह भेल त जय कमला !
  2. आलसी खसल इनार में ,कहलक हम इतहि ठीक छी
  3. उपर स ठीकठाक नीचा से मोकामा घाट
  4. एके माघे जाअर नै जाई छाई
  5. खा के पसरी आ मारके ससरी
  6. घर भुजी भांग नै बीवी पादे चुरा
  7. खस्सी के जान जाई खेबाई के सवादे ने
  8. सब घर छोड के गोसाई घर हगना
  9. भेटे मिया मार ने खोजे मिया तारी
  10. जे रोगी के भाबे से बेदा !

Monday, November 10, 2008

i m just coming

hi friends this is nirbhay aa raha hai...................