- अपन बियाह भेल त जय कमला !
- आलसी खसल इनार में ,कहलक हम इतहि ठीक छी
- उपर स ठीकठाक नीचा से मोकामा घाट
- एके माघे जाअर नै जाई छाई
- खा के पसरी आ मारके ससरी
- घर भुजी भांग नै बीवी पादे चुरा
- खस्सी के जान जाई खेबाई के सवादे ने
- सब घर छोड के गोसाई घर हगना
- भेटे मिया मार ने खोजे मिया तारी
- जे रोगी के भाबे से बेदा !
bad nik lagal ee sab padh ke......
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