Sunday, March 22, 2009

फकरा जे आहाँके कतुऊ नै मिळत

जं कबीर काशी मर थिन तं राम कोन नेहोरा
जय जगदम्बा जय जगदीश,
जे देलक पांच टका तेकरे दीस.
जकरे मौगी करपरदार,
तकरे मनुसा हलुक बिलार
छौरा टहलू टटुआ घोर,
खाय बहुत काज करे थोर

नंगत के दू नंगत लागय, चूरा के दू मुसर,
मौगी के मरदबा लागय तब तीनू घर कुसल
प्रतिष्ठे नांगेर कटाबी तं छो मास व्यथे मरी
पोन ठेली जं गाछ चढाबी,
तकर तोरल फल कहाँ सं पाबी



4 comments:

  1. Nice blog... nice presentation...

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  2. barh neek prayaas...ehina likhait rahu..

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